मुम्बई फिल्म फेस्टिवल- दूसरा और तीसरा दिन
सुबह सुबह नीद खुली तो देर हो चुकी थी। साढ़े नौ बज चुके थे। रात को सोते वक्त सोचा था…
सुबह सुबह नीद खुली तो देर हो चुकी थी। साढ़े नौ बज चुके थे। रात को सोते वक्त सोचा था…
Mumbai Film festival नाम से एक जलसा मुम्बई में दस्तक देने वाला है। इस जलसे की उत्सवधर्मिता का स्वरूप बिल्कुल…
बर्फी (Barfi Movie review) एक कविता सी फ़िल्म है जो परदे से गुजरती आपके दिल में घट जाती है। आपके…
‘कहानी’ (Kahaani Movie) के ट्रेलर देखकर लग रहा था कि कोई रोने धोने वाली फ़िल्म होगी, जिसमें शायद कलकत्ते को…
बीहड़ में बागी होते हैं, डकैत मिलते हैं पार्लामेन्ट में। पान सिंह तोमर (Paan Singh Tomar) का ये डायलॉग फ़ेसबुक की…
Blue Valentine फ़िल्म में एक संवाद कुछ यूँ है। “You got to be careful that person you fall in love…
कुछ दिन पहले भवन्स कॉलेज में रॉकस्टार (Rockstar film) के प्रमोशन का लाइव शो देखते हुए कई सारे टैक्निकल एरर…
यहां मुम्बई में बैठे दायें या बायें देखते हुए एक कार थी जो पहाड़ के एक गांव कांडा के कलाकेन्द्र…
एक उनींदी सी रात के दो बजे जब तय हो गया कि आज नींद नहीं ही आयेगी तो अपने फ़िल्मों…
हमारा अपना काल्पनिक मानसिक संसार जब हमारी जिन्दगी में शामिल होने लगता है तो हमारा व्यवहार उसे ज़ाहिर कर देता…