भूत के प्रकोप से मुक्ति की सच्ची कहानी
निलिता वचानी एक जानी मानी डाक्यूमेंट्री फिल्म मेकर हैं ये बात कल उनकी फिल्मों के अंश देखते और उन पर…
निलिता वचानी एक जानी मानी डाक्यूमेंट्री फिल्म मेकर हैं ये बात कल उनकी फिल्मों के अंश देखते और उन पर…
जामिया के मासकम्यूनिकेशन रिसर्च सेन्टर में साउन्ड के लेक्चरार मतीन अहमद को फिल्म चिल्ड्रन आफ पायर की साउन्ड डिजाइनिंग के…
सारे आक्रोश (Aakrosh film review) महज एक दुर्घटना बनकर समाप्त हो जाते हैं। ये आक्रोश भी कुछ ऐसा ही था।…
राजस्थान के भंवरी देवी केस (Bhanwari Devi case) को शायद आप अब तक न भूले हों। 1992 में राजस्थान की…
डेज़ ऑफ़ हैवन ( Days of heaven film) उन कमाल की फिल्मों से एक है जिन्हें आप चाहें तो बस…
;लगत जोबनुवा में चोट, फूल गेंदवा न मार’। ये शब्द फिर गाये नहीं गये। ठुमरी के ये बोल कहीं खो…
युद्व का उन्माद कितना विभत्स, कितना भयावह और अमानवीय हो सकता है यह Ralph Nelson निर्देशित फ़िल्म सोल्जर ब्लू (Soldier…
सोने जा ही रहा था कि एक सूचना मिली। सूचना बड़ी अच्दी लगी तो सोचा आपको बता ही डालूं। खरगोश…
वे फ़ैज़ नहीं हैं फ़ैज़ा हैं इसलिए उनका अंदाज़े-बयाँ अलहदा है। फ़ैज़ शब्दों से अपनी बात कहते थे फ़ैज़ा (…
ओसियान फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन आज तीन फिल्में देखी। तेजा, मैन वूमेन एंड अदर स्टोरीज और ब्लाईंड पिग हू…