Last Updated on: 21st July 2025, 04:02 pm
हमारा अपना काल्पनिक मानसिक संसार जब हमारी जिन्दगी में शामिल होने लगता है तो हमारा व्यवहार उसे ज़ाहिर कर देता है। इस रियल और इमेजनरी मेंटल वर्ड का मिक्सचर सिनेमा के जरिये कभी कभी एक जबरदस्त अनुभव बन जाता है। फ़िल्म देखते हुए तो आप फ़िल्म के साथ जीने ही लगते हैं फ़िल्म देखने के बाद भी आप कुछ देर उस दुनिया से बाहर नहीं निकलना चाहते।
उस दुनिया में क्या, क्यों और कैसे हो रहा था आपको इन सवालों से उपजी उलझनें अपने में कहीं शामिल कर लेती हैं। आप उन उलझनों का हिस्सा हो जाते हैं। और खुद को सुलझाने की इस प्रोसेस में टाईम लगता है। ये वही टाईम है जो आपको उस फ़िल्म द्वारा रचे गये आपके खुद के मानसिक संसार से बाहर आने में लगता है।
ऐसा हर फ़िल्म को देखते हुए नहीं होता। इससे पहले किस्लोवस्की की रेड, ब्लू, व्हाईट ट्रायोलोजी को देखकर ऐसा हुआ था या फिर रोमान पोलान्स्की की बिटर मून और द नाईन्थ गेट ने कुछ ऐसा अनुभव कराया था। और भी कुछ फ़िल्में होंगी। अभी याद नहीं आ रही हैं। ब्लैक स्वान के साथ एक बार फिर ऐसा हुआ।
क्या है फ़िल्म ब्लैक स्वान की कहानी (Story of Black Swan movie)
एक बेली डांसर निना (Natalie Portman) जिसे स्वान लेक नाम के एक स्टेज शो में व्हाइट और ब्लैक स्वान की भूमिकाओं को एक साथ निभाना है। जो व्हाइट स्वान के रुप में बेहतरीन है लेकिन ब्लैक स्वान के रुप में उसे खुद को इम्प्रूव करना है। ऐसा ना करने पर वो स्टेज शो में लीड भूमिका में नहीं रह पायेगी। उसके विकल्प भी पहले से मौजूद हैं।
लिली (Mila Kunis) नाम की एक दूसरी डांसर उसकी प्रतिद्वंद्वी है। लेकिन निना के दिमाग में ये भूमिका अदा करने का जुनून हावी है। शो का डाइरेक्टर थौमस ये जानता है कि निना अच्छा कर सकती है। लेकिन उसमें उसे एक परफैक्सनिस्ट दिखाई देता है और वो मानता है कि ग्रे शेड वाला कोई किरदार परफैक्सनिस्ट हो ही नहीे सकता। उसे फलेक्ज़िबल होना ही होगा।
वो निना पर दबाव बनाता है। निना धीरे-धीरे ब्लैक स्वान के किरदार को जीना शुरु करती है। ब्लैक स्वान उसकी जिन्दगी में गहरे तक शामिल होने लगता है। उसके साथ ऐसी घटनाएं होने लगती हैं जो असल में उसके साथ नहीं हो रही। वो विजुअल और आडिटरी हैल्यूसिनेशन की शिकार होने लगती है।
उसे लगने लगता है कि लिली उसकी जगह लेने के लिये गहरी चालें चल रही है। वो लिली के साथ काल्पनिक रुप से उन चालों में खुद को शामिल पाती है। इस तरह वो दो जिन्दगियां एक साथ जीने लगती है। एक जिसमें वो व्हाइट स्वान की तरह मासूम है और दूसरी जिसमें वो ब्लैक स्वान की तरह शातिर।
निना पर हावी ब्लैक स्वान उससे लिली का ख़ून करवा देता है। उसे लगता है कि वो लिली को मार चुकी है पर असल में उसने कोई हत्या की ही नहीं है।
एक दर्शक के तौर पर आप जीने लगते हैं किरदार की दुनिया
फ़िल्म की खास बात यही है कि जिस डैल्यूजनल तरीके से निना घटनाओं को होते हुए देख रही है दर्शक होने के नाते हम भी उनको उसी तरह से देखने लगते हैं। उसी डैल्यूजनल तरीके से। हम भी उसके साथ उसी भुलावे और खास तरह की मानसिक टेंशन में जीने लगते हैं।
हैन्ड हैल्ड कैमरा के शेकी मूंमेंट और लगातार बढ़ता म्यूजिक फ़िल्म में बड़ी अहम भूमिका निभाते हैं। कुल मिलाकर फ़िल्म आपको कुछ देर के लिये निना की दुनिया में पूरी तरह घुसकर उसे जीने के लिये मजबूर करती है और पूरी फ़िल्म देखने के बाद आपको फ़िल्म द्वारा रची गई दुनिया से बाहर आने में जो कुछ समय लगता है उसे एक बेहतरीन सिनेमेटिक एक्सपीरियेंस तो आप कह ही सकते हैं।