पति-पत्नी के रिश्ते के बनने और बिगड़ने की कहानी – Blue Valentine

Image of kissing lead actors in Blue valentine film

Last Updated on: 25th July 2025, 09:49 am

Blue Valentine फ़िल्म में एक संवाद कुछ यूँ है।

“You got to be careful that person you fall in love is worth it to you”

“How can you trust your feelings when they can disappear like that..”

किसी से प्यार करते वक्त जो बात सबसे ज़रूरी है वो ये कि इस बात का पूरा ध्यान रखा जाये कि जिससे आपको प्यार हो रहा है वो इस लायक है भी कि नहीं कि उसे प्यार किया जा सके।

ये बात भले ही थोड़ा अटपटी लगे लेकिन ब्लू वैलेन्टाइन (Blue Valentine) यही बात व्यावहारिक ढ़ंग से समझाती है. अक्सर हम अपनी भावनाओं के वश में आकर प्यार करते हैं.  भावनाओं का भरोसा करते हैं। इम्पल्सेज का कहा मान लेते हैं, फिर वो भावनाएं एक संसार रचती हैं। हमें अपनी असल जिन्दगी के समानान्तर एक जीवन जीने को देती हैं। हम उस जीवन को जीने लगते हैं, पर एक दिन वक्त के किसी हिस्से में हमारा असल जीवन उस समानान्तर खड़ी हो गई दुनिया से टकरा जाता है।

वही टकराहट भावनाओं के द्वारा रची गई हमारी दुनिया को सबसे खतरनाक मोड़ पे ले आती है. वहीं पता चलता है कि हमारी भावनाओं का फैसला कितना सही या कितना गलत था.

ब्लू वैलेन्टाईन देखकर यही बात कितनी आसानी से समझ आ जाती है. एक सवाल खड़ा करती सी कि हम उन भावनाओं का भरोसा कैसे कर सकते हैं जो एक दिन अचानक कहीं खो जाती हैं. जो अक्सर एक झूठे रास्ते पर ले जाते हुए वक्त के किसी मोड़ पर हमें मजधार में छोड़कर खुद कहीं गुम हो जाती हैं। उनकी जगह नई भावनाएं ले लेती हैं. पुरानी भावनाओं को बेमतलब कर देती सी.

पति-पत्नी का एक कमज़ोर पड़ता रिश्ता

डैन (Ryan Gosling) और सिंडी (Michelle Williams) अमरीका पेन्सेल्वेनिया में एक दिन मिलते हैं. हाईस्कूल ड्रॉपआउट डैन जिसके लिये पोटेन्शियल का मतलब केवल पैसे कमाकर बड़ा आदमी बनना नहीं है. एक मूवर्स एंड पैकर्स कम्पनी में सामान ट्रांसपोर्ट करने का काम करता है और सिंडी प्री-मेडिकल की स्टूडेंट है जो अपने ख़राब रिश्तों से जूझ रहे माँ-बाप के साथ रहती है और अपनी दादी की देखभाल करती है. दोनों एक दूसरे को प्यार करने लगते हैं. दोनों के बीच सेक्स होता है.

सिंडी प्रेग्नेंट होती है और अपने जीवन में आये इस इक्कीसवें आदमी से सेक्स कर चुकी सिंडी को पता चलता है कि ये बच्चा डैन का नहीं है. वो एबॉर्शन कराना चाहती है पर ठीक ऑपरेशन के वक्त वो अपना फैसला बदल लेती है. डैन उस बच्ची को अपना लेता है. दोनों शादी कर लेते हैं. 

लेकिन धीरे-धीरे उनका रिश्ता वक्त की जंग खाता सा कमज़ोर पड़ने लगता है. सिंडी चाहती है कि डैन कुछ ऐसा करे जो बड़ा हो. कुछ ऐसा जिससे दोनों ख़ुश रह सकें, पर वो ठीक ठीक क्या चाहती है दोनों में से किसी को नहीं पता. डैन ये जानना चाहता है लेकिन सिंडी के पास इस बात का जवाब नहीं है. धीरे-धीरे सिंडी बस यही समझ पाती है कि उनके बीच चीजें वर्क आउट नहीं हो सकती. उसके असंतोष का कोई हल नहीं निकल सकता.

एक रिश्ते के शुरू होने और ख़त्म हो जाने की समानांतर चलती कहानियाँ

फ़िल्म में एक साथ दो कहानियां एक दूसरे के पैरलल चल रही होती हैं. एक जिसमें डैन और सिंडी का रिश्ता शुरु हो रहा है, दूसरी जिसमें वही रिश्ता धीरे-धीरे ख़त्म हो रहा है. अतीत को उसकी पीठ पीछे झुटलाता सा एक वर्तमान. फ़िल्म के अंत में अतीत का एक हिस्सा चर्च में उनको पति-पत्नी के रिश्ते में बाँध रहा है और वर्तमान का एक हिस्सा उनके रिश्ते में स्पेस की दरकार पैदा करता सा हमेशा के लिये खत्म हो रहा  है . अपने बीच की कड़ी उनकी बच्ची की इच्छाओं को नज़रअंदाज़ करता सा.

पूरी फ़िल्म में एक बेहद खूबसूरत तनाव है. एक बनते और टूटते रिश्ते की कॉम्प्लैक्सिटी है. कहीं कोई बड़ा ड्रामा नहीं है. सब कुछ ऐसे हो रहा है जैसे कोई फ़िल्म न हो असल जिन्दगी हो, जिसमें वक्त दो हिस्सों में बँटकर एक साथ हमारी आँखों के सामने बह रहा हो. एक ऐसी नदी बनकर जो धीरे-धीरे सूख रही है.

और विदेशी फ़िल्मों के बारे में जानने के लिए यहाँ क्लिक करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *